“गर्भगीता” एक पवित्र और ज्ञानवर्धक ग्रंथ है, जिसमें गर्भावस्था को एक आध्यात्मिक साधना माना गया है। यह बताती है कि माँ के विचार, भावनाएँ, आहार और वातावरण बच्चे के व्यक्तित्व और बुद्धि पर गहरा प्रभाव डालते हैं। पुस्तक गर्भवती महिला के लिए सकारात्मक सोच, ध्यान, योग, मंत्र, संगीत और सत्संग जैसे उपायों पर जोर देती है। इसमें वर्णन है कि कैसे माँ का शांत मन और शुभ विचार एक गुणी, संस्कारी और स्वस्थ बच्चे के विकास में मदद करते हैं। यह हर परिवार के लिए एक मार्गदर्शक जैसा ग्रंथ है।