“कुएँ में भांग” एक रूपक पर आधारित किताब है, जिसमें कहा गया है कि:
“अगर कुएँ में भांग मिला दी जाए, तो पूरा गाँव पागल हो जाता है।”
इस उदाहरण के माध्यम से पुस्तक समझाती है कि—
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कैसे गलत विचार एक से दूसरे तक तेजी से फैलते हैं
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कैसे अफवाहें पूरे समाज को प्रभावित कर देती हैं
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लोग परंपराओं का पालन बिना समझे करते रहते हैं
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कैसे लोग भीड़ का हिस्सा बनकर अपनी सोच खो देते हैं
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कैसे डर, दबाव और झूठी जानकारी इंसान को नियंत्रित कर लेते हैं
पुस्तक में आसान भाषा में बताया गया है कि—
हमें अपनी सोच विकसित करनी चाहिए, अपनी समझ को मज़बूत करना चाहिए और हर बात को आँख बंद करके स्वीकार नहीं करना चाहिए।
यह किताब आपके अंदर जागरूकता, तार्किक सोच और मानसिक स्पष्टता विकसित करती है।